क्या सिर्फ बयान देना पर्याप्त है? – जानिए कानूनी सच्चाई
बयान की सीमाएं
कई लोग यह मान लेते हैं कि अगर कोई भाई/बहन तहसीलदार के सामने जाकर यह कह दे कि वह पैतृक संपत्ति में से अपना हक छोड़ता है, तो वह कानूनी रूप से मान्य हो जाता है। लेकिन यह गलतफहमी है।
वास्तविक स्थिति यह है:
👉 नहीं, केवल तहसीलदार के समक्ष बयान या शपथपत्र से संपत्ति का हक समाप्त नहीं होता।
👉 यह दस्तावेज सिर्फ औपचारिक या समर्थन स्वरूप माना जा सकता है, परंतु यह कानूनी रूप से संपत्ति त्यागने का वैध तरीका नहीं है।
👉 संपत्ति का हक relinquish करने के लिए रजिस्टर्ड त्याग पत्र (Relinquishment Deed) आवश्यक होता है।
कानूनी रूप से मान्य क्या है?
अगर आप किसी को पैतृक संपत्ति में से अपना हिस्सा देना चाहते हैं या कोई अपना हिस्सा छोड़ना चाहता है, तो:
1. Proper Relinquishment Deed बनवाएं।
2. इसे स्टांप पेपर पर तैयार करें।
3. उप-पंजीयक (Sub-Registrar) ऑफिस में रजिस्टर्ड कराएं।
4. गवाहों की उपस्थिति में दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कराएं।
क्यों पंजीकरण ज़रूरी है?
संपत्ति से संबंधित कोई भी हस्तांतरण तब तक वैध नहीं माना जाता जब तक वह भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 के तहत रजिस्टर्ड न हो। बिना पंजीकरण वाला त्याग पत्र या सिर्फ मौखिक बयान अदालत में टिक नहीं सकता।