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जिला कलेक्टर (Collector) – पूरी जानकारी, शक्तियां और अधिकार

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📜 जिला कलेक्टर (Collector) – पूरी जानकारी, शक्तियां और अधिकार

📅 जिला कलेक्टर (Collector) राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी होता है, जो राजस्व मामलों, भूमि प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों का प्रमुख अधिकारी होता है।
🔍 जिला कलेक्टर का पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों को दिया जाता है।

👉 जिला कलेक्टर का मुख्य उद्देश्य जिले में राजस्व संबंधी मामलों का निपटारा, भूमि का प्रबंधन और सरकार के निर्णयों को लागू करना है।

📌 इस लेख में हम जिला कलेक्टर की शक्तियों, अधिकारों और उनके कार्यों की पूरी जानकारी देंगे।


🔷 जिला कलेक्टर (Collector) कौन होता है?

जिला कलेक्टर जिले का सबसे वरिष्ठ राजस्व अधिकारी होता है, जिसे "जिला मजिस्ट्रेट" (DM) और "जिला अधिकारी" भी कहा जाता है।
✔ यह पदभार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों को सौंपा जाता है।
✔ कलेक्टर जिले के राजस्व मामलों, भूमि प्रबंधन, कर संग्रहण और विकास योजनाओं के लिए जिम्मेदार होता है।
✔ यह जिले के सभी तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों का पर्यवेक्षण करता है।


🔷 जिला कलेक्टर की शक्तियां और अधिकार (Powers and Authority of Collector)

जिला कलेक्टर के पास प्रशासनिक, न्यायिक और राजस्व से संबंधित शक्तियां होती हैं।


1️⃣ राजस्व संबंधी मामलों में निर्णय लेने की शक्ति (Power to Decide Revenue Matters)

✅ कलेक्टर जिले का मुख्य राजस्व अधिकारी होता है।
✅ जमीन के रिकॉर्ड का रखरखाव, भूमि मापदंड (Land Measurement) और भूमि का सीमांकन (Demarcation) करना।
✅ भू-राजस्व (Land Revenue) का संग्रहण और वसूली।
✅ जमीन के स्वामित्व और बंटवारे से संबंधित विवादों का निपटारा।
✅ भूमि सुधार और कृषि भूमि का प्रबंधन।

📜 उदाहरण:

  • किसानों द्वारा भूमि पर कब्जा करने या खेती से संबंधित विवाद का समाधान करना।
  • संपत्ति के रिकॉर्ड का सत्यापन और नामांतरण (Mutation) करना।
  • जमीन की सरकारी नीलामी करना।

2️⃣ निर्णयों को लागू करने की शक्ति (Power to Implement Decisions)

✅ जिला कलेक्टर को जिले में सरकारी योजनाओं और नीतियों को लागू करने का अधिकार है।
✅ राजस्व कानूनों और सरकारी आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करना।
✅ भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) और मुआवजे का निर्धारण।
✅ कानूनों का उल्लंघन करने वालों पर दंड लगाना और वसूली करना।

📜 उदाहरण:

  • सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे का निर्धारण।
  • किसानों की फसल खराब होने पर मुआवजा वितरण।
  • अवैध कब्जे को हटाना और अतिक्रमण से भूमि को मुक्त कराना।

3️⃣ भू-अभिलेखों का प्रबंधन (Land Records Management)

✅ जमीन के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और संरक्षक के रूप में कार्य करना।
✅ भूमि से जुड़े दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता की पुष्टि करना।
✅ भूमि स्वामित्व में परिवर्तन (Transfer of Ownership) और नामांतरण का कार्य।

📜 उदाहरण:

  • भूमि के नक्शे तैयार करना और ऑनलाइन रिकॉर्ड को अपडेट करना।
  • किसी संपत्ति के बंटवारे में कानूनी दस्तावेज़ तैयार करना।
  • भूमि विवादों को सुलझाना और फैसला सुनाना।

4️⃣ कर और राजस्व संग्रहण (Tax & Revenue Collection)

✅ कृषि कर, संपत्ति कर और अन्य राजस्व करों का संग्रहण और वसूली।
✅ भूमि पर बकाया करों की वसूली और डिफॉल्टरों पर दंड लगाना।
✅ जिला विकास के लिए सरकारी योजनाओं के फंड का प्रबंधन।

📜 उदाहरण:

  • भू-राजस्व का वार्षिक संग्रहण और रिपोर्ट तैयार करना।
  • किसानों को भूमि कर में छूट देना या माफी प्रदान करना।
  • भूमि पर अवैध निर्माण से संबंधित जुर्माना लगाना।

5️⃣ भूमि अधिग्रहण और मुआवजा (Land Acquisition & Compensation)

✅ भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 (Land Acquisition Act, 2013) के तहत भूमि अधिग्रहण करना।
✅ मुआवजे का निर्धारण और वितरण करना।
✅ भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों के पुनर्वास (Rehabilitation) का प्रबंधन।

📜 उदाहरण:

  • राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करना।
  • भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देना।
  • पुनर्वास और पुनर्स्थापन का प्रबंधन करना।

🔷 जिला कलेक्टर के अन्य महत्वपूर्ण अधिकार (Other Important Powers of Collector)

क्षेत्र जिला कलेक्टर की भूमिका
आपदा प्रबंधन बाढ़, सूखा, महामारी आदि में राहत और बचाव कार्य।
चुनाव प्रक्रिया चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन और चुनाव व्यवस्था को नियंत्रित करना।
अवैध कब्जे सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हटाना और अतिक्रमण हटाना।
सार्वजनिक आदेश धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी करना।
लाइसेंसिंग दुकानों, फैक्ट्रियों और व्यवसायों के लाइसेंस जारी करना।

🔷 जिला कलेक्टर की नियुक्ति और योग्यता (Appointment and Qualification of Collector)

✔ जिला कलेक्टर की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
✔ यह पदभार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों को सौंपा जाता है।
✔ IAS अधिकारी को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।
✔ नियुक्ति के बाद प्रशिक्षण और अनुभव के आधार पर DM/Collector बनाया जाता है।


🔷 जिला कलेक्टर के समक्ष लाए जा सकने वाले मामले (Matters before the Collector)

✔ भूमि विवाद और स्वामित्व के मामले।
✔ भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से संबंधित मामले।
✔ अवैध कब्जा और अतिक्रमण।
✔ भू-राजस्व की वसूली और कर संबंधी विवाद।
✔ प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास।
✔ सरकारी योजनाओं और विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित शिकायतें।


🔷 निष्कर्ष (Conclusion)

जिला कलेक्टर (Collector) जिले का मुख्य राजस्व और प्रशासनिक अधिकारी होता है।
DM के पास कानून व्यवस्था, भूमि प्रबंधन, राजस्व संग्रहण और सरकारी योजनाओं को लागू करने की शक्ति होती है।
जिला कलेक्टर का मुख्य उद्देश्य जनता के कल्याण, शांति और विकास को सुनिश्चित करना है।
DM के निर्देशों का पालन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी करते हैं।


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