तहसीलदार को वसीयत के आधार पर नामांतरण करने का अधिकार नहीं – कानूनी स्थिति
तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) वसीयत (Will) के आधार पर सीधे नामांतरण (Mutation) करने के लिए अधिकृत नहीं होता। नामांतरण (Mutation) और उत्तराधिकार (Inheritance) का निर्णय अलग-अलग प्रक्रियाओं के तहत किया जाता है।
🔹 1. तहसीलदार की सीमित अधिकारिता
✅ तहसीलदार केवल उत्तराधिकार (Inheritance) के आधार पर भूमि या संपत्ति का नामांतरण कर सकता है, लेकिन वह वसीयत (Will) की वैधता की जांच नहीं कर सकता।
✅ अगर वसीयत पर कोई विवाद नहीं है और उत्तराधिकारी सहमत हैं, तो तहसीलदार नामांतरण कर सकता है।
🚫 यदि वसीयत विवादित है, तो तहसीलदार इसे मानने से इनकार कर सकता है और मामला न्यायालय (Court) के अधीन कर सकता है।
🔹 2. नामांतरण (Mutation) और वसीयत (Will) के बीच अंतर
1️⃣ नामांतरण (Mutation) – यह सिर्फ राजस्व रिकॉर्ड में नाम बदलने की प्रक्रिया है। यह स्वामित्व (Ownership) का प्रमाण नहीं होता।
2️⃣ वसीयत (Will) – यह उत्तराधिकार को निर्धारित करती है और इसे अदालत में प्रमाणित करवाने की आवश्यकता हो सकती है।
📌 महत्वपूर्ण:
- तहसीलदार केवल कानूनी उत्तराधिकारी के आधार पर नामांतरण करता है।
- यदि संपत्ति वसीयत के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति को दी गई है, तो उसे पहले सिविल कोर्ट से वसीयत की वैधता का प्रमाण प्राप्त करना होगा।
🔹 3. तहसीलदार द्वारा नामांतरण अस्वीकार करने के कारण
✔ यदि वसीयत विवादित हो (परिवार के सदस्य आपत्ति करें)
✔ यदि वसीयत पंजीकृत (Registered) नहीं हो और उस पर शक हो
✔ यदि कोई अन्य व्यक्ति कोर्ट में वसीयत को चुनौती दे
✔ यदि तहसीलदार को लगता है कि वसीयत फर्जी हो सकती है
📌 इस स्थिति में, उत्तराधिकारी को सिविल कोर्ट में वसीयत की वैधता साबित करनी होगी।
🔹 4. समाधान: अगर तहसीलदार नामांतरण नहीं करता
✅ अगर वसीयत स्पष्ट और बिना विवाद की है – तहसीलदार को राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव करना चाहिए।
✅ अगर तहसीलदार इनकार करता है – संबंधित व्यक्ति को सिविल कोर्ट में वसीयत का सत्यापन (Probate) करवाना होगा।
✅ अगर वसीयत विवादित है – कोर्ट ही यह तय करेगा कि वसीयत के अनुसार संपत्ति किसे मिलेगी।
📌 ध्यान दें:
➡ हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार, पैतृक संपत्ति में वसीयत लागू नहीं होती, लेकिन स्व-अर्जित संपत्ति में मालिक वसीयत बना सकता है।
➡ अगर तहसीलदार मनमाने ढंग से नामांतरण करने से मना कर रहा है, तो राजस्व बोर्ड या उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जा सकती है।
🚀 निष्कर्ष
✔ तहसीलदार सीधे वसीयत के आधार पर नामांतरण नहीं कर सकता।
✔ अगर वसीयत विवादित है, तो उसे कोर्ट में प्रमाणित करवाना होगा।
✔ अगर वसीयत बिना विवाद के है, तो तहसीलदार नामांतरण कर सकता है।
✔ राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण का मतलब संपत्ति का पूर्ण स्वामित्व नहीं होता, इसके लिए सिविल कोर्ट की मान्यता आवश्यक हो सकती है।
अगर आपकी कोई विशेष स्थिति है या कानूनी समाधान चाहिए, तो बेझिझक पूछें! 😊