धारा 248 (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) - तहसीलदार की शक्तियाँ
धारा 248 उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 (UPZA & LR Act, 1950) के अंतर्गत आती है। यह धारा तहसीलदार को अवैध कब्जे (Unauthorized Possession) को हटाने और भूमि पर वैध अधिकार स्थापित करने की शक्ति प्रदान करती है।
🔹 धारा 248 का उद्देश्य
यह धारा मुख्य रूप से सरकारी भूमि (ग्रामसभा/राजस्व भूमि) से अवैध कब्जे हटाने और भूमि को मूल स्वामी (ग्रामसभा या सरकार) को वापस दिलाने के लिए बनाई गई है।
🔹 तहसीलदार की शक्तियाँ (धारा 248 के अंतर्गत)
✅ अवैध कब्जा हटाने का अधिकार – यदि कोई व्यक्ति ग्रामसभा, सरकारी या अन्य सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा कर लेता है, तो तहसीलदार उसे हटाने का आदेश दे सकता है।
✅ दंड और अर्थदंड लगाने का अधिकार – तहसीलदार, कब्जाधारी पर जुर्माना (Fine) लगा सकता है और उसके कब्जे से भूमि खाली करा सकता है।
✅ बलपूर्वक निष्कासन (Eviction) – यदि अवैध कब्जाधारी तहसीलदार के आदेश के बाद भी भूमि खाली नहीं करता है, तो प्रशासनिक बल (Police Force) की सहायता से निष्कासन किया जा सकता है।
✅ भूमि के मूल स्वामी को बहाल करने का अधिकार – यदि किसी कानूनी भूमि धारक को जबरदस्ती हटा दिया गया हो, तो तहसीलदार उसे पुनः कब्जे में लेने का आदेश दे सकता है।
✅ अपील और पुनरीक्षण – तहसीलदार द्वारा लिए गए निर्णय के खिलाफ प्रभावित व्यक्ति उच्च अधिकारी (SDM या DM) के समक्ष अपील कर सकता है।
🔹 धारा 248 के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया
1️⃣ शिकायत दर्ज – यदि किसी भूमि पर अवैध कब्जा हो जाता है, तो कोई भी व्यक्ति, ग्राम प्रधान, या राजस्व अधिकारी शिकायत दर्ज करा सकता है।
2️⃣ नोटिस जारी – तहसीलदार अवैध कब्जाधारी को नोटिस (Notice) भेजकर जवाब मांगता है।
3️⃣ सुनवाई – तहसीलदार दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लेता है।
4️⃣ आदेश जारी – यदि अवैध कब्जा साबित होता है, तो तहसीलदार कब्जा हटाने और जुर्माना लगाने का आदेश देता है।
5️⃣ बलपूर्वक निष्कासन (Forceful Eviction) – यदि आदेश के बाद भी भूमि खाली नहीं होती, तो प्रशासन की सहायता से कब्जा हटाया जाता है।
🔹 धारा 248 के तहत दंड
यदि कोई व्यक्ति तहसीलदार के आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसे:
✔ अवैध कब्जे के कारण अर्थदंड (Fine) देना होगा।
✔ जबरन भूमि से हटाया जा सकता है।
✔ आवश्यक होने पर पुलिस कार्रवाई भी की जा सकती है।
🔹 महत्वपूर्ण बिंदु
✔ ग्रामसभा, सरकारी और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा गैरकानूनी है।
✔ तहसीलदार को अधिकार है कि वह बिना कोर्ट के सीधे आदेश देकर कब्जा हटवा सकता है।
✔ यदि किसी को गलत तरीके से बेदखल किया गया है, तो वह SDM या DM के पास अपील कर सकता है।
🚀 निष्कर्ष
धारा 248 सरकारी या ग्रामसभा भूमि पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह तहसीलदार को अवैध कब्जा हटाने, अर्थदंड लगाने और बलपूर्वक निष्कासन की शक्ति प्रदान करता है। यदि आपके क्षेत्र में अवैध कब्जे की समस्या है, तो आप तहसीलदार के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
📢 यदि आपके पास कोई विशेष प्रश्न है, तो कमेंट करें या स्थानीय तहसील में जानकारी लें! 😊