Type Here to Get Search Results !

Public Corporations - सार्वजनिक निगम

0

 

📜 Public Corporations – पूरी जानकारी

📅 Public Corporations (सार्वजनिक निगम) सरकार द्वारा स्थापित ऐसे संगठन होते हैं, जो समाज के लाभ और सार्वजनिक सेवाओं को प्रदान करने के उद्देश्य से कार्य करते हैं।
🔍 इनका मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक लाभ से अधिक सामाजिक कल्याण और आर्थिक विकास करना होता है।
👉 यह संगठन "भारतीय सार्वजनिक निगम अधिनियम" और संबंधित कानूनों के तहत संचालित होते हैं।


🔷 Public Corporations की परिभाषा (Definition of Public Corporations):

Public Corporations सरकार द्वारा स्थापित स्वायत्त संगठन होते हैं, जिनका उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं को प्रदान करना और सामाजिक-आर्थिक विकास करना होता है।
✔ इन्हें वैधानिक अधिनियम या सरकारी आदेश द्वारा स्थापित किया जाता है।
✔ इनके पास स्वायत्तता होती है, लेकिन यह सरकार के नियंत्रण में रहते हैं।
✔ यह व्यावसायिक उद्देश्यों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करते हैं।

📌 उदाहरण: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), भारतीय खाद्य निगम (FCI), एयर इंडिया, BSNL आदि।


🔷 Public Corporations की विशेषताएँ (Characteristics of Public Corporations):

विशेषता विवरण
सरकारी स्वामित्व Public Corporations का स्वामित्व पूर्णतः सरकार के पास होता है।
स्वायत्तता ये संगठन स्वतंत्रता से कार्य कर सकते हैं, लेकिन सरकार के नियंत्रण में होते हैं।
अलग कानूनी पहचान इन्हें एक अलग कानूनी इकाई के रूप में मान्यता दी जाती है।
सार्वजनिक उद्देश्य इनका मुख्य उद्देश्य समाज की भलाई और सार्वजनिक सेवाओं का प्रबंधन होता है।
वित्तीय स्वतंत्रता वित्तीय मामलों में स्वायत्तता होती है, लेकिन सरकार द्वारा निर्धारित बजट का पालन करना होता है।
सरकारी पर्यवेक्षण सरकार द्वारा निगरानी की जाती है ताकि ये अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकें।

🔷 Public Corporations के उद्देश्य (Objectives of Public Corporations):

सार्वजनिक सेवाओं का संचालन: जनता को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करना, जैसे बैंकिंग, बीमा, परिवहन आदि।
सामाजिक कल्याण: समाज के कमजोर वर्गों का उत्थान और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति।
आर्थिक विकास: रोजगार के अवसर प्रदान करना, औद्योगिक विकास में योगदान देना।
मूल्य स्थिरीकरण: महंगाई को नियंत्रित करना और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
मुनाफे के साथ सेवा: व्यावसायिक लाभ के साथ सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति करना।


🔷 Public Corporations का वर्गीकरण (Classification of Public Corporations):

प्रकार विवरण उदाहरण
वैधानिक निगम (Statutory Corporation) संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित, जिनके पास कानूनी अधिकार होते हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
कंपनी निगम (Government Company) कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत, जिसमें 51% से अधिक सरकारी शेयर होते हैं। हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
बोर्ड निगम (Board Corporation) सरकार द्वारा स्थापित और मंत्रालय द्वारा संचालित। भारतीय खाद्य निगम (FCI), राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)

🔷 Public Corporations के कार्य (Functions of Public Corporations):

1. सार्वजनिक सेवाओं का संचालन:

➡ बैंकिंग, बीमा, परिवहन, संचार, उर्जा आदि क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करना।
📌 उदाहरण: BSNL, इंडियन रेलवे।

2. आर्थिक विकास और निवेश:

➡ औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देना और निवेश के अवसर प्रदान करना।
📌 उदाहरण: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL)।

3. सामाजिक कल्याण:

➡ गरीब और पिछड़े वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ बनाना।
📌 उदाहरण: भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)।

4. रोजगार सृजन:

➡ रोजगार के अवसर प्रदान करना और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
📌 उदाहरण: कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)।

5. मूल्य स्थिरीकरण और वितरण:

➡ आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और कीमतों को स्थिर रखना।
📌 उदाहरण: राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF)।


🔷 Public Corporations के लाभ (Advantages of Public Corporations):

सार्वजनिक हित की पूर्ति: यह संगठन जनहित में कार्य करते हैं, जिससे समाज के सभी वर्ग लाभान्वित होते हैं।
सुरक्षित वित्तीय प्रबंधन: सरकारी स्वामित्व के कारण वित्तीय जोखिम कम होते हैं।
रोजगार के अवसर: ये संगठन बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
सामाजिक कल्याण: यह समाज के वंचित और कमजोर वर्गों की मदद करते हैं।
आर्थिक स्थिरता: मूल्य स्थिरीकरण और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।


🔷 Public Corporations की सीमाएँ (Limitations of Public Corporations):

राजनीतिक हस्तक्षेप: सरकारी नियंत्रण के कारण निर्णय प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
अधिकारियों की उदासीनता: प्रबंधन में निष्क्रियता और सुस्ती देखी जा सकती है।
अधिक नौकरशाही: संगठनात्मक संरचना में जटिलता और कागजी कार्रवाई अधिक होती है।
मुनाफे का अभाव: सार्वजनिक कल्याण को प्राथमिकता देने से वित्तीय लाभ में कमी हो सकती है।
संवेदनशीलता: सरकारी नीति में परिवर्तन से यह संगठन प्रभावित हो सकते हैं।


🔷 Public Corporations बनाम Private Corporations (Difference between Public and Private Corporations):

बिंदु Public Corporations Private Corporations
स्वामित्व सरकार द्वारा संचालित निजी व्यक्तियों या समूह द्वारा संचालित
उद्देश्य सामाजिक कल्याण और सार्वजनिक सेवाएं लाभ कमाना
वित्तीय प्रबंधन सरकारी बजट और अनुदान पर निर्भर निजी पूंजी और निवेशक फंड पर निर्भर
स्वायत्तता सीमित, सरकारी हस्तक्षेप होता है पूर्ण स्वतंत्रता
मूल्य निर्धारण सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर बाजार के अनुसार

🔷 निष्कर्ष (Conclusion):

Public Corporations सामाजिक कल्याण और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
✅ यह संगठन न केवल सरकारी नीतियों को लागू करते हैं, बल्कि समाज के आर्थिक और सामाजिक स्तर को भी ऊपर उठाते हैं।
✅ Public Corporations के माध्यम से सरकार जनता तक सेवाएं पहुँचाने में सफल होती है, लेकिन इन्हें राजनीतिक हस्तक्षेप और नौकरशाही से बचने की आवश्यकता है।
✅ भारत में LIC, BSNL, FCI, RBI जैसी Public Corporations ने अपनी पहचान बनाई है और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


Post a Comment

0 Comments